आप भी न फिजूल शक करते हैं. भारत को निश्चय ही गुणी नेता मिला है जो बताता कि हज़ारों साल पहले भारत के एक प्लास्टिक सर्जन ने सिर कटे बच्चे के धड़ पर हाथी का सिर जोड़ा होगा जिससे गणेश बना. यह तो अद्भुत और नई बात है! और फिर वैज्ञानिक सोच का सिर काट कर उस पर फेविकोल से पुराणपंथ फिट करने वाला प्लास्टिक सर्जन जैसा नेता अब कहीं जाकर भारत को मिला है. क्या यह भीअद्भुत नहीं है सर जी? हाँ कहने में आपको कोई समस्या है क्या....
अरे नहीं..नहीं..नहीं. बोइंग और एयरबस को माडर्न इंडिया से क्यों जोड़ रहे हैं. हमारी 'पुष्पक'एयरलाइंस रामायण काल से चल रही है. यह रामायण में लिखा है, गुजरात में छपा है. मुगलों ने लाख सिर पटका लेकिन हमारे अदृष्य विमानों को नहीं देख सके पर अंगरेज़ हमारे विमान और तकनीक चुरा ले गए. चोर कहीं के. यह सब कैसे हुआ....कब हुआ....जैसे सवाल पूछ कर आप अपने पूर्वजों का गौरव मिट्टी में मिलाना चाहें तो अलग बात है वरना गर्व से कह सकते हैं कि महाभारत काल में हमने न्यूक्लिर बमों से भी बड़े बमों यानि ब्रह्मास्त्रों का इस्तेमाल किया था जिससे डायनासोर धरती से समाप्त हो गए थे. इसे मान लेने में भी आपको कोई समस्या है क्या....
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